सनातन धर्म में ॐ को बहुत ही प्रभावशाली माना गया है। ॐ का उच्चारण करते समय तीन अक्षरों की ध्वनि निकलती है। ये तीन अक्षर क्रमशः अ+उ+म् हैं। इसमें 'अ' वर्ण 'सृष्टि' का घोतक है 'उ' वर्ण 'स्थिति' दर्शाता है जबकि 'म्' 'लय' का सूचक है। इन तीनों अक्षरों में त्रिदेव यानी (ब्रह्मा,विष्णु,महेश) का साक्षात वास माना जाता है। ॐ के जाप को अनिष्टों का समूल नाश करने वाला माना गया है। एहि नहीं, ॐ के उच्चारण से शारीरिक और मानसिक रूप से शांति भी प्राप्त होती है।